मंगलवार, 31 मई 2016
बुधवार, 25 मई 2016
मंगलवार, 3 मई 2016
शुक्रवार, 8 अप्रैल 2016
गुरुवार, 7 अप्रैल 2016
मंगलवार, 22 मार्च 2016
2015 -2016 me Jo sarkar Ki yojana banai gai us pr sahi tarike se kam nahi hone ka Karan Gujarat anamat andolan dusri or kejriwal sarkar to age Jake roda banti congress is Karan se sarkar ko apni banani gai ranniti pr kam nahi karne dete ab jab sarkar ache kam karne ke laine pr as Ki jaat andolan chalu Ho gaye jise kya Bharat ko hi tho nukasan bhugtna pada sarkari kamo me ek rupeye ka bhi nuksan karna hamare bhi hise me aata he tho use mengari Ki mar padna tho lajmi he sarkar ko apni ranniti se kam karne de jisi hamara Bharat ek sarest desh ban ske
शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2016
पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम, तहसील, तालुका और ज़िला एते हैँ। भारत में प्राचीन काल से ही पंचायती राजव्यवस्था अस्तित्व में रही हे, भले ही इसे विभिन्न नाम से विभिन्न कल में जाना जाता रहा हो। पंचायती राज व्यवस्था को कमोबेश मुग़ल काल तथा ब्रिटिश काल में भी जारी रखा गया। ब्रिटिश शासन काल में १८८२ में तत्कालीन वायसराय लॉर्ड रिपन ने स्थानीय स्वायत्त शासन की स्थापना का प्रयास किया थ, लेकिन वह सफल नहीं हो सक। ब्रिटिश शासकों ने स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं की स्थिति पर जाँच करने तथा उसके सम्बन्ध में सिफारिश करने के लिए १८८२ तथा १९०७ में शाही आयोग का गठन किया। इस आयोग ने स्वायत्त संस्थाओं के विकास पर बल दि, जिसके कारन १९२० में संयुक्त प्रनत, असाम, बंगाल, बिहार, मद्रास और पंजाब में पंचायतों की स्थापना के लिए कानून बनाये गये। स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान भी संघर्षरत लोगों के नेताओं द्वारा सदैव पंचायती राज की स्थापना की मांग की जाती रही।
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